एक नज़्म
कहते हो तो भूल जाएँगे
दिल से फिर भी…
दिल से फिर भी भूल ना पाएंगे।।
याद रहेगी सारी बातें
याद रहेगा कैसे मिले थे
कैसे तेरे हाथ को चूमा था
प्यार पा के कैसे जुमा था
कैसे तेरे बाल सहलाये थे
कैसे प्यार के बोल बरसाए थे
याद रहेगी तेरी मुलाक़ाते
याद रहेगी प्यारी मुस्काने
फिर भी कहते हो तो भूल जाएँगे
हाँ, दिल से भूल ना पाएंगे।।
याद रह ही जायेगा
नम रेत पे साथ चलना
शब-भर बेठ गुफ्तगू करना
बेखयाली में गीत गुनगुनाना
मीर और ग़ालिब की ग़ज़लें सुनाना
वो तेरा बे-वजह इतराना
तेरे बालों में चमेली के फूल लगाना
और तेरा वो फूल, किताबों में छुपाना
अब भी कहते हो तो भूल जाएंगे
मगर, दिल से कभी भूल न पाएंगे।।
बताओ अब तुम ही
कैसे भूल जाऊ
माँगा सा मन्नतों सा तुजे
वो कला तावीज़ और लाल धागा
आज भी बांध रखा है,
इस उम्मीद में की हमेशा साथ रहेंगे
कैसे भूल जाऊ
नकार दिया था, सबके सामने
पराया कर दिया था एक पल में
जब छोड़के चले गए थे
और मूड़ के भी न देखा था एक बार
चलो, कहते हो तो भूल जाएँगे
सच तो ये हे की
तुम्हे दिल से फिर भी भूल ना पाएंग।
#ThankiThoughts