लोग कहते हे , उदासी परेशान कर देती हैं।
खुशी का कोई आगाज़ पेश करती है ।।
उदासी से हर कोई क्यों दूर भागता है।
नजरें चुराकर क्यों आंखें मूंदते हैं।।
उदासी वो हे , जो हमे अकेला करतीं है।
अकेलेपन से हम घबराते क्यों हैं।।
खुशी तो ऊपर ऊपर ही छूती है।
उदासी अंदर की पहचान कराती है।।
अकेलेपन हमे औकात दिखाता है।
हमारी आस का वजूद दिखाता है ।।
पूरा महसूस करो , जो भी उमड़ पड़े ।
हर मंजर का अपना जहा होता है।।
रो लो , सिमट जाओ पूरा , खुद के लिए ।
पोखर कैसा भी हो , आखिर अपना होता है।।