बजरंग दल का जोश अनोखा,
वीर हनुमान का साथी है देखा।
धर्म की रक्षा, सेवा का व्रत,
हर संकट में ये रहता अविरत।
वीर शिवाजी की धरा के सपूत,
राष्ट्र प्रेम में हैं अडिग ये दूत।
धर्म की मशाल हाथ में लिए,
भारत माता के चरणों में जीए।
गर्व से कहते "जय श्रीराम,"
हर दिल में भरते देश का मान।
आधि-व्याधि जो भी आए सामने,
बजरंगी रणबांकुरे कभी न थमने।
सत्य-अहिंसा, धर्म-वीरता,
इनके जीवन का अद्भुत नाता।
राष्ट्रहित में सदा तत्पर,
इनके बलिदान से धरा भी निखर।
बजरंग दल की जय-जयकार,
राष्ट्र का गौरव, सच्चा उपहार।
हनुमान के आशीर्वाद से चमके,
बजरंगी वीर सदा अडिग रहें। - ©️ जतिन त्यागी