मै अगर तेरी कलम से लिखना चाहू तो
क्या.... क्या लिखू ,
तु है तो कहानी है वरना
सब कुछ सिर्फ जुबानी है ,
वो बरसात की ओझल रातें
ना होती किसी और से ऐसी बातें ,
कुछ खास है तेरा कुछ पल मे नजर आना
कुछ पल यु देखना और नजरें झुकाना ,
नसीब की बातों पर अब ना यकीन रहा हमारा
ये अब मुमकिन ना रहा मिलना और बीछड़ना हमारा ,
हा मिल जाना तुम किसी राह पर हमे
एक दफा मुह मोड़ कर जाना है हमे ,
ज्यादा बिखरने की आदत नही है मुझे हा लेकिन हमेशा सोचती हु की तेरी कलम से लिखना चाहू तो क्या क्या लिखू .........
Piya 🖤