कुछ रिश्तों का सफर बहोत छोटा होता है ,
हा लेकिन दायरा बहोत बड़ा ,
तेरा मुस्कुराकर देखना हमे बहोत पसंद है आज भी , अगर तु चाहे तो बस तेरी खामोशी से हि बात कर लु में ..,
नाउम्मीद भरी इस दुनिया मे किसे तलाश करू हर रोज जो ना चाहा वो ना मिला लेकिन जिसे चाहा वो मिल जाये ये बस तम्मन्ना कैसे कर लु में....,
तु अपनी खामोशी मे जवाब ढूंढता है और मै अपनी खामोशी मे तुझे ढूंढती हु ,मेरा हर एक जवाब तुझ पे होता है तु हर वक़्त मेरे साथ होता है ये यकीन कैसे कर लु में ...,
हा कुछ रिश्तों का सफर बहोत छोटा होता है ,
हा लेकिन दायरा बहोत बड़ा..........!
Piya