कभी कभी हमारा प्रेम,
सच में व्यर्थ हो जाता है,
जब....
वो प्रेम किसी ऐसे व्यक्ति से किया जाए,
जिसके हृदय में हमारा वास न हो,
जो व्यक्ति हमारी चुप्पी को समझने में असमर्थ हो,
जिसे रत्ती भर फर्क न पड़े,
हमारे हंसने ,रोने से,
हमे देखकर ,
जिसके होंठो की मुस्कुराहट और बड़ी न हो जाए,
जो हमारे लिए इंतजार करने में असमर्थ हो,
जो बार बार जाने की बात कहे,
हमारी नम आंखे देख जिसका दिल पसीजता न हो,
जो कहकहों में छुपी हमारी उदासी को,
भांप न सके ,
जो थोप दे अपनी पसंद को आपके ऊपर,
जिसकी नजर में एहसासों का कोई मोल न हो,
जो जाते वक्त पलटकर न देखता हो कभी,
जिसकी नजरों में न दिखता हो स्नेह कभी...
ऐसे व्यक्ति को प्रेम के काबिल समझकर उससे प्रेम करना,
सच में अपने प्रेम को व्यर्थ कर देना ही है..!!
#brokenheart #