बारिश तुम बरस गए उन यादों में
जहां किसी को अफसाना हुआ
किसी को तकलीफ हुई इतना भीगा दिया उन सड़कों को
मेरे पांव नहीं दिखाई दिए इतना भी रुला दिया उन बादलों को

-Shek _ અેક મુનાસિબ

Hindi Shayri by Shek _ અેક મુનાસિબ : 111939228
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