घाँव पे इतना मरहम रहता है।
उसकी यादों का करम रहता है।
यू तो बसर हो जायेगी जींदगी,
मौत का डर अब कम रहता है।
विपुल प्रीत

-Vipul Borisa

Hindi Shayri by Vipul Borisa : 111937814
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