ऐ दुनियां बनाने वाले
मुझे भी परवाज़ बना दो
उड़ जाऊं आजादी से इस दुनियां से,
मेरा आकाश अलग बना दो।
रिश्ते हों या नाते, पराए थे या प्यारे
उसको ही छीना मुझसे जो थे मेरे प्यारे
कोई ढूंढ सके न मुझको फिर
ऐसे बादल में छिपा दो।
तेरी शरीयत में होंगे इस दुनियां के
तेरे उसूल और नाते रिश्ते,
इंसानी दुनियां में, इनका कोई मान नहीं,
यह संगदिलों की वह दुनियां है,
जहां इनका कोई ईमान नहीं।
Sharovan
USA