અજાણ્યો પત્ર - 20
तुम सौंदर्य में गूंथी हुई एक चादर हो जिसमे मैं सदा लिपटते रहना चाहता हूं, तुम मुक्त गगन में उड़ती एक पंछी हो जिसे मैं हर सुबह शाम निहारना चाहता हूं, तुम गहरे प्रेम में खिला हुआ एक कमल का फूल हो जिसे मैं हर पल चूमते रहना चाहता हूं। तुम मेरे जीवन की वो मधुर धुन हो जिसे सुनते मैं अपना सारा जीवन व्यतीत करना चाहता हूं।