અજાણ્યો પત્ર - 17
तुम चाहो तो मुझे सरकार की तरह भी चुन सकती हो! ढेर सारे वादों के साथ आऊंगा तेरे द्वार पे, नेताओ की तरह मैं पूरी कोशिश करूंगा की तुम मेरी बातों में उलझकर सिर्फ मुझे ही चुनो पर तुम मेरी बातों को नहीं! मेरे जज्बातों को देखना, मेरे भीतर तुम्हारे प्रति जो प्रेम है उसको चुनना और हो सके तो पांच साल नहीं पांच जन्मों तक मुझे चुन लेना।