बातें तो बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नही!
आँखों मे अश्क़ हैं पर किसके कंधे मे रखूँ???
दिल मे बहुत सारी बातें हैं कुछ ज़स्बात हैं, किस्से ज़ाहिर करूँ???
अक़सर रात मे खुद को थपथापति हूँ,एक गहरी नींद सोने को दिल चाहता हैं,पर कमबख्त ये दिल औऱ दिमाग़ चैन से सोने नही देता!!!
-SARWAT FATMI