मेरी दुनियां ...
तेरा होना ही मेरे लिए जन्नत था...तेरा चले जाना जैसे मन्नत के सबसे मजबूत धागे का टूट जाना
या टूट जाना उन असंख्य सपनो का
जो तेरी गोद में सर रख मैने देखे थे।
जब तूम हस्ती थी तो किसी मासूम परी सी लगती थी...तेरी उदासी मुझे बेहद डरावने तुफानों सी लगती थी...तेरा मुस्कुराना मुझे तपती गर्मी में भी बर्फ सी ठंडक का अहसास दे जाता...
आज इतनी भीड़ में इतनी खुशी के मौके पर भी तुम्हारी कमी बहुत खलती है...ना चाहते हुए भी आंखे जलथल हो जाती है...आंखों की उदासी मुस्कुराते चेहरे को पराजित कर देती है...पर मैं जानती हूं... तुम मुझे सुन सकती हो मुझे महसूस कर सकती हो...
मैंने देखा है यथार्थ में ना सही...
सपनों में अक्सर जब में तुम्हें अपने पास चाहती हूं तुम हमेशा मेरे पास होती हो...जब कभी बहुत ज्यादा परेशान या बहुत ज्यादा खुश होती हूं तो तुम आती हो मुझे ये अहसास दिलाने की तुम आज भी मेरे पास हो और मुझे सुन सकती हो...
जिंदगी में जब कभी त्रासदी हुई ...जब कभी परिस्थितिया विपरीत हुई तुम आई मुझे दिलासा देने मेरी हिम्मत बढ़ाने और खुशी के मौकों से ठीक पहले तुम हर बार आई मेरी खुशियों को दोगुना करने
जैसे आज तुम आई थी वैसे हमेशा मुझे मिलने आती रहना मां ❤️