कहानी : You are my Orchid!
"....वह परछाई बेहद हल्के कदम से आगे की तरफ बढ़ती पर उसके हर कदमों पर किसी अन्य इंसान की आंखें स्थिरता से टिक जाती। झाड़ियों की आवाज भी आने लगी थी, इसलिए मष्तिष्क उस आवाज को ही सुनने में मग्न था। झाड़ियों में छिपा हुआ वह बलशाली इंसान जिसकी आंखें सफेद खड़ी जैसी थी वह अब धीरे-धीरे उस परछाई की तरफ बढ़ने लगा....."
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