प्रिय साथियों
स्नेहिल नमस्कार
भारत के इतिहास में 26 जनवरी की ऐतिहासिक पावनता में संचित है मनीषी जननायकों, बुद्धिजीवियों एवं विधि-विशेषज्ञों का गहन चिंतन, विभिन्न धर्मों व दार्शनिक विचारधाराओं में निहित आध्यात्मिक मानवीय तत्त्वों का उत्कर्ष, भारत की गौरवशाली साँस्कृतिक परम्पराओं से अदम्य ऊर्जा लेकर विश्व में महान राष्ट्र के रूप में भारत के निर्माण का स्वप्न, असंख्य पीढ़ियों तक भारतवासियों की आकांक्षाओं, आशाओं, सपनों एवं संकल्पों का प्रकाश-उदगम, भारतवासियों के मौलिक अधिकारों तथा निर्देशक सिद्धांतों व इनके संरक्षण का दुर्लभ दस्तावेज़ - भारत का संविधान।
1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के महज़ ढाई वर्ष बाद, 26 जनवरी 1950, को हमारा लोकतंत्र, भारत गणतंत्र स्थापित हुआ, जो सभी भारतवासियों के सहयोग से सतत उन्नति की ओर अग्रसर रहा है।
सभी भारतवासियों और प्रवासी भारतीयों को इस पावन राष्ट्रीय पर्व पर हार्दिक मंगल कामनाएं करते हुए आशा करती हूँ कि गणतंत्रदिवस की सुहानी सुबह का आलोक सभी के जीवन में नया प्रकाश, नई ऊर्जा, नया ओज व तेजस्विता भरे और स्वतन्त्र-शांतिमय वातावरण में सभी को अपने मन चाहे सपनों को साकार करने के ऐसे अवसर प्राप्त हों जिनसे देश का गौरव उत्तरोत्तर बढ़ता जाए।
जय हिन्द!
डॉ. प्रणव भारती