बहुभाषिक कवी सम्मेलन -सहभागीता- रचना- बिना संघर्ष कुछ नही
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संघर्ष जिंदगीका सत्य रूप है
कदम कदम पर होती है परीक्षा
अग्नी परीक्षा मे निखरे है सोना
वैसे ही संघर्ष मे है हमारी परीक्षा ।
सपने लुभावने, मन को आनंद देते
सचाई मे खरे करना है अपने सपने
तो बिना संघर्ष पुरे ना हो यह सपने
कल आज और कल ,यही देखा हमने ।
संघर्ष होता है विचार-धारा के बीच का
संघर्ष बहोत पुराना अमीर-गरिबीका
नये -पुराने तो झगडे है बात बात पर
संघर्ष है यहा निरंतर परिस्थितीयो का ।
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रचना- बिना संघर्ष कुछ नही
कवी-अरुण वि.देशपांडे-पुणे (महाराष्ट्र)
9850177342