वो अब धीरे बोलता है,
धीरे चलता है,
धीरे सुनता है,
धीरे से देखता है वो सब,
जो उसकी आँखों के सामने होता आया है कई शतकों से !
धीरे धीरे करता है अब हर काम,
काम, जो पहले भी किया करता था,
अब वो तेज़ी नही, आवाज़ में खारापन और आक्रोश नही,
लेकिन झुकता नही, पिघलता नही, घुटने टेकता नही,
उसने सीख लिया है अब भेड़ियों के झुण्ड में रह कर
सरदार के दांत खट्टे करना,
वो एक आम आदमी है!
@ Prema