बहुत बार बहुत अच्छे लोग दिखते हैं
राह के करीब, मन के पास
शिखरों पर ,गहराइयों में
टिमटिमाते हुए,इतिहास में,
बहुत बार बहुत अच्छे लोग मिलते हैं,
गाँव के बीचों बीच
शहरों के इर्द-गिर्द,
हवा की तरह चलते
धूप की तरह बिछे
जल की तरह बहते
वृक्ष की तरह खड़े,
बहुत बार बहुत अच्छे लोग मिलते हैं।
*महेश रौतेला