अदृश्य प्यार
तितली को जो होता है फूलों से ,
पौधों को जो होता है डाली से ,
पतझड़ को जो होता है सावन से ,
वैसा ही है अदृश्य हमारा यह प्यार ,,
लहरों को जो होता है साहिल से ,
कश्ती को जो होता है पतवार से ,
राही को जो होता है मंज़िल से ,
वैसा ही है अदृश्य हमारा यह प्यार ,,
अम्बर को होता है जो सूरज,चाँद और सितारों से ,
धरती को जो होता है वृक्षों, पशु और इंसानों से ,
सागर को होता है जो मोती, मीन और पतवारों से ,
वैसा ही है अदृश्य हमारा यह प्यार ,,
राधा को जो होता है कान्हा की मुरली से ,
गौरा को जो होता है महादेव के डमरू से ,
भक्त को जो होता है अपने भगवान से ,
वैसा ही है अदृश्य हमारा यह प्यार ,,