इष्ट::
दिन करे शिव जप अलख के वो स्वामी
शिव कहे रामनाम रतीपति सामी
राम के नाम राजा, रटते रटाते
राधाके नाम मुनि, माधव को मनाते
मुनि मनके मालिक ,ऋषि रस रचाये
मन ये मानवीके ,माया के बनाये
माया मां की ममता, मुक्ति दिलाए
पार लगे जगसे, हसते हसाए
मां माधव महेश्वर मंगल मन मंदिर ।
मालिन मानवी मन रहे मूक बधीर !