कुल्हड़ में अदरक वाली चाय
शाम भी ख़ुशनुमा बन जाय ,
जब साथ तुम्हारा हो ,
हल्की सी बारिश हो ,
और हो कुल्हड़ में अदरक वाली चाय,,
जो सबकी आदत में शामिल हो जाय,
सुबह की चाय, शाम की चाय ,
वहाँ कोई जाम शायद ही कुछ कर पाय ,
लत जिसको भी गर तेरी लग जाय,,
साथ वक्त गुज़ारने का जो बहाना बन जाय,
यूँही क़रीब लाने का जो सहारा बन जाय,
कॉलेज जाने वाले हों या ऑफ़िस वाले ही ,
घर आने वालों का भी जो गुज़ारा बन जाय,,
सरदर्द हो ,थकान हो ,
मन शांत करने का बन जाती है जो उपाय ,
सर्द मौसम हो , हल्की सी बारिश हो ,
साथ तुम्हारा हो ,और हो कुल्हड़ में अदरक वाली चाय,,,,