अधूरे प्यार की जिंदगी कुछ यूं होती है।
जीने की लत और मौत की जुस्तजू होती है।
कहा मिली है हीर रांझणा को।
कहा लैला मजनू की होती है।
वो कहानियां सारी झूठी है।
सहेजांदियां सिर्फ़ सहेजादे की होती है।
तू करता रह मन्नते।
मन्नते भी उनकी पूरी होती है।
तू देता जा दुआए उसको।
बदुआए नसीब में तेरे होती है।
अधूरे प्यार की दास्तां कुछ।
मीठे जहर के जैसी होती है।
अधूरे प्यार की जिंदगी कुछ यूं होती है।
जीने की लत और मौत की जुस्तजू होती है।
ग़ालिब रोग प्यार का।
अपनी कहानी कुछ और लिखता है।
इस चमकती दुनिया को छोड़।
बन फकीर सजदा करता है।
D Devendra