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जीने की हर चाहत छोड़ कर भी.... जीते रहना किसी जीत से कम नहीं । 🌷👏🏻for u - rakhi jain
जिंदगी की सबसे असरदार दवा खामोशी हैं कई बार ये मरते हुए रिश्ते बचा लेती है और कई बार भटकों को खुद में जिंदा कर देती है - rakhi jain
एक वक्त आता हैं जब हम सबके लिए वो सब करते हैं.. जो कभी हम सोचा करते थे कि कोई हमारे लिए करे... - rakhi jain
हम अगर तेरी तसवीर बनाने लग जाए एक उमर तेरी आंखों में ही ठहर जाए हर रंग रंगा होगा चेहरे अतराफ फकत जिसे ढूंढते जमाने लग गए - rakhi jain
आसान नहीं है सरल रहना सब समझ कर नासमझ बनना देख कर लाख बुराई केवल एक अच्छाई चुनना सरलता शब्दों में सरलता भावों में सरलता मन में सरलता रिश्तों में फिर भी शून्य बने रहना सरलता शून्य नहीं है ये गहरा सागर है लुभावना नहीं पर असीम ठहराव हैं हर किसी की पहुंच से दूर हर किसी की चाह से दूर हर किसी की नजर में रह कर भी ये गर्त में खजाने का शहर है
तुम्हारा तुमसा होना ही सबसे बड़ी खूबसूरती हैं खुद को ढूंढ लो तुमसा हसीन कोई और नहीं - rakhi jain
देखो किसी का जाना निश्चित है जो हम तक है वो हमारा व्यवहार ही है अगर सच में किसी के लिए लगता है तो उसके अच्छा करो या कम से कम बुरे का कारण मत बनो अगर कोई कल चला जाए तो ये रिग्रेट न हो के काश मैं कुछ सही से बिहेव करता तो अच्छा होता ये रिग्रेट बहुत बुरा होता है तो हर दिन ऐसे ही जियो । परफेक्ट तो हम सबके लिए नहीं हो सकते पर हम क्या कर सकते है ये हमसे ज्यादा अच्छे से और कोई नहीं जानता । सबका जाना निश्चित है कोई अमर नहीं है । - rakhi jain
मैं लोगों को माफ कर देती हु पर वो चीजे में खुद भूल नहीं पाती । वो वक्त , वो दर्द , वो लोगो के चेहरे मुझे याद रह जाते है और आते जाते किसी भी पल मेरे दिमाग की नसों से खेल करते है। "इमोशनल सिकनेस " ऐसा रोग है जो दिखता नहीं है ना ही इसका असर किसी की नजर में आता है ये वो रोग है जिसका इलाज कब करना जरूरी है वो रोगी खुद ही जान नहीं पाता। काम की भागदौड़ में खुद में खोए इंसानों के बीच ये रोग तेजी से फैल रहा है। और कोई जान ही नहीं पा रहा के ये कितनी जानलेवा महामारी है। इमोशनल सिकनेस धीरे धीरे असर करती है दिखने में काम करने में सब नॉर्मल ही रहेगा पर असर आपको आंतरिक शरीर पर पड़ता रहेगा । चीजें भूल जाना , नॉर्मल कैलकुलेशन न कर पाना , कुछ देखना और उसे रिपीट करने में ही गलती होना , बीपी अचानक high low hona, liver heavy feel hona , brain me जकड़ सी मेहसूस होना ये सब इसके असर है जो दिखाई नहीं देते और आसानी ठीक नहीं होते । कई बार तो इसका ठीक हो पाना संभव ही नहीं होता । बॉडी चल पाने में और पूरी तरह स्वस्थ और सुखी महसूस होने में बहुत अंतर होता है । इससे जो गुजर रहा है वहीं इसके प्रभाव समझ सकता है । इसलिए खुद पर और अपनों पर ध्यान दे। किसी को मानसिक या भावनात्मक हानि न पहुंचाएं । और न ही अपना मानसिक सुख किसी के कंट्रोल में होने दे । क्योंकि बाकी सब तो पैसों ओर दवाइयों से ठीक हो सकता है पर ये चीज आपके आपे से बाहर है । "स्वस्थ रहे ,स्वस्थ रखे"😊❤️
जब जब प्यार में मोह होता है वो विष बन जाता है। प्यार सबसे खूबसूरत एहसास है और प्रेम उसकी पराकाष्ठा.....प्यार लड़ना, पाना सिखाता है लेकिन इसमें जब मोह भी शामिल हो जाता है तो वो न्याय भूल जाता केवल पाना ही सब कुछ लगता है । "प्यार" ये शब्द कभी गलत हो ही नहीं सकता । इसे करने वाला हमेशा जोड़ने का काम करता है संवारने का करता है तोड़ने का नहीं । और जहां ऐसा अन्याय हो विष हो वहा कुछ भी हो सकता है " प्यार" नहीं हो सकता । प्यार हद पार कर सकता है पर किसी की जान या किसी की खुशी दांव पर नहीं लगा सकता । क्योंकि जो प्यार करता है वो जनता हैं किसी सहारे की कीमत , किसी के साथ की कीमत , मन की खुशी , और दुख दर्द का एहसास । वो कभी किसी का बुरा कर ही नहीं सकता और अगर ये भावना आ जाए तो मान लीजिए प्यार अब प्यार नहीं रहा जुनून और जिद बन गया है प्यार खत्म हो गया है।
सबकी जरूरतें पूरी कर दो भगवान... ताकि कोई जरूरत पर याद न करे... - rakhi jain
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