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#प्यार # किसी एक होना किसी वरदान से कम नहीं है। खुशनसीब हो आप अगर कोई हैं जो आपकी फिक्र करता है आपको संभाल कर रखना चाहता/ चाहती हैं । भले वो कोई भी रिश्ता हो । और अगर वो रिश्ता जीवनसाथी का हो तो बात ही क्या । पर अगर ऐसा है तो खुद को खुशनसीब समझो....क्योंकि कोई h आपके पास आपकी पूछने को .... आपकी हर बात सुनने को ...आपकी आंखें आपका चेहरा पढ़ने को ...और उनमें जो छुपा है उसे पढ़ने को । ये वो कीमती चीजें है जो जिसके पास नहीं है उन्हें ही इसकी कीमत पता है । इसलिए आप दूसरों को देख या मेरी लेखनी से समझे उस शख्स की कीमत और दूर न होने दे उसे ....बाकी तकलीफें झंझट भूल कर कुछ समय बिताइए उनके साथ ...हर रोज शुक्रिया कीजिए उस परमात्मा की कृपा के लिए । क्योंकि जो आपके पास है वो किसी भी कीमत पर हर किसी को नहीं मिल पाता
ज़िक्र तेरा अब भी है... उसी तरह बस फर्क इतना सुनाई बस मुझे देता है - rakhi jain
जिंदगी जिंदगी भर सीखती है कि जीना कैसे है आदमी हर दिन मरता है की अब आगे जिऊंगा...... *never ending loop*
dear ज़िंदगी अब surprize देना....सदमा नहीं😂🥰 - rakhi jain
तेरे सिवा और कहां जाऊ जो रोशनी तुझसे है वो ना पा पाऊं ना करीब आ सकू तपन से न खो सकूं अंधेर में मैं यूं ही हु पता है मुझे यूं ही रहना है
एक तेरा होना मेरे लिए जहान सा है तेरा इंतेज़ार भी है.. और तुझी से दूर जाना है ♥️♥️♥️ चाहूं तुझे छुपा कर रखना खुद में गर बंदिश न होती सच में तू किसी और का न होता.. हमदोनो बराबर है एक दूजे के लिए तू ये न सोच मेरा निभाना बाकी रहा मैं तुझे थाम न पाई ये गिला मेरा भी रहा
बस एक ही दुआ है बस तेरी हो के रहूं.. बाकी बदले में सारी खुशियां तेरे सर करूं
मैं चाहूं तुम्हे ज़ाना इतना मैं चाहूं तुम्हे ज़ाना इतना... खामोशी में भी वफ़ा तुझी से ज़ाना दिल करता है सदके तेरे तेरी बाहों बना मेरा आशियां मैं चाहूं तुझे ज़ाना इतना खामोशी में भी वफ़ा तुझी से ज़ाना ये ठंड हवा जो चलती है वो तेरी छुअन सी लगती है जो ज़मीं पर चलूं तो तेरा सफर वो लगती है किसी ओर पहुंचूं मैं तुझ तक ये आहे कहती है मैं चाहूं तुझे हद तक मेरा वजूद इसे ठहरा है मैं चाहूं तुम्हे जाना इतना खामोशी में भी वफ़ा तुझी से ज़ाना किस ओर खड़े हो तुम किसी छोर पे मैं अटकी हूं तुम ही हो मेरे हिस्से ये मान के बैठी हु किसी ओर न अब चलना बस तुझ पर चलना है तू भले हो चांद सा मुझे तुझे ही तकना है मैं चाहूं तुझे ज़ाना इतना ख़ामोशी में भी वफ़ा तुझी से ज़ाना जो प्यार तुझसे वो उतना ही था मुझमें जो और बाकी हो मुझमें वो भी वारु मैं तुझपे ना चाह कोई मेरी ना कोई निशाना है हर बात तू ही है और तू ही फसाना है मैं चाहूं तुझे ज़ाना इतना खामोशी में भी वफ़ा तुझी से ज़ाना
किसी के जाने का दर्द कभी कम नहीं होता वो वक्त के साथ साथ कम नहीं होता वो गहरा होता जाता है अंदर ही अंदर किसी ब्लैकहोल की तरह हो जाता ह जोै कहने के लिए एक छोटा सा बिंदु है पर उसका असर बहुत विस्तृत है चारों ओर हैं फिर भी दुनिया से अदृश्य है।
सबका भला कर ए मालिक सबको साथ दे सबकी शांति का ख्याल रख एक तू ही तो है जो बिना रिश्ते के भी सबका है - rakhi jain
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