क्या बताऊं इस पन्ने के बारे में...
देखने को तो पूरा कागज सफेद है...
लेकिन कहने बैठे तो पूरा रंगमंच है...
अक्सर भीड़ रहती है आसपास लोगो की...
लेकिन कभी अकेले खुटन सी ज़िंदगी लगती है...
पर यकीन है कान्हा साथ है..ये सोच कर नई राहें बनती है...
यू तो देखने में शरीर तदुरस्त है....
लेकिन कभी चेहरे पर थकान दिखती है...
पर अपने और अपनो के सपनो की याद से सब छुमंतर हो जाते है...
ये खिलता हुआ सूरज नए रंग लाता है...
ना जाने कितना कुछ सिखाकर ये श्याम ढलती है...
पूरा दिन गवा देते है काम में बस यही कहानी इस पन्ने में चलती है...
-Janavi Hingu