इंटरनेशनल वूमन्स डे
नहीं चाहिए मुझे ये चका चौंध रोशनी,
नहीं चाहिए इसी जगमगाहट एक दिन वाली,
गर' दे सकते हो तो दो मुझे सम्मान एसेही उम्रभर।
ये एक दिन की मोहताज मुझे उस ईश्वर ने तो नहीं बनाया,
उसने भी तो सर्वत्र नारी पुज्यते का स्लोगन भी है अपनाया,
गर' दे सकते हो मुझे तो एक दरिया सा उफान ही दो।
ना काटो पंख मेरे, मैं भी उड़ना चाहती हूं,
मत डालो बेड़ियां संस्कारों वाली मैं सब सही से निभाना जानती हु,
गर' देना है तो दो मुझे मेरे हक का एक टुकड़ा आसमान, क्योंकि मैं, बादलों में भी प्यार भरना जानती हु।
गर' देनाही है साथ मेरा तो मेरे कंधेसे कंधा मिलाओना,
कदमसे कदम मिलाकर मेरे साथ सफर तै कर्जाओ,
संभालो नजर अपनी (तुम पुरुषों) थोड़ी इंसानियत भी दिखाओना,
राह चलती किसीभी स्त्री पे तुम व्यंग कटाक्ष फैलाओ ना।
दिलमे अपने तुम भी कभी राम अल्लाह गौतम बिठाओना,
मेहफूज समझे हर स्त्री खुदको तुम ऐसा माहौल बनाओना,
नहीं जरूरत मुझे ऐसे किसी एक वूमन्स डे के दिनकी,
देना है तो दो साथ साथ कदम मिलाके, बस एहसान कुछ जताओ ना।
तुम्हारे जुखाम तक को मैं एक नर्स की तरह ट्रीट करती हु,
तुम बस जरासा मेरा पीरियड के और प्रिगेंसी को समझो ना,
नहीं कहती मैं की मेरे हाथ पैर तुम दबाओ,
बस प्यारसे मेरा सर दबाओना, मुझे शांति का अनुभव कराओना।
तुम जाओ अपने दोस्तों संग गप्पे गोष्टी कर आओना,
जाने दो कभी मुजेभी मेरे दोस्तो संग, बस इतना विश्वास दिखाओ ना,
मैने तुम्हारा घर संभाला, बच्चे संभाले, मां बाप और सारे रिश्ते जोड़े,
तुम भी ऐसे निस्वार्थ भावसे मेरी गलतियों को गले लगाओ ना,
नहीं चाहिए मुझे ये एक दिन का सम्मान, तुम हर दिन को ही
वूमन्स डे बनाओ ना।
B+ve