शिव की शक्ति
संसार मुझे है कहे मां
पर मैं तो करती शिव की भक्ति
मुझमें है शिव, शिवमय हूं मैं
मै तो हूं बस शिव की शक्ति।
पिछले जन्म पिता ने ठुकराया जिसे
मैं वो ही शिव की अर्द्धांगिनी सती।
पर इस बार जन्मी उनके अनन्य भक्त के घर
बनकर पर्वत राज पुत्री पार्वती।
मांगा वरदान में मैंने उन्हें
जिनकी कथा थी मैं मां से सुनती।
आज उसी दिन पाने चली आपको
जिस दिन दक्ष के अहं के कारण भस्म बनी थी सती।
जिस दिन हुआ बिछोह हमारा
आज ही है वो रात्रि ।
बस एक ही वर चाहे हम
कि बने हम हर जन्म आपकी पात्रि ।
संसार मुझे है कहे मां
पर मैं तो करती शिव की भक्ति
मुझमें है शिव, शिवमय हूं मैं
मै तो हूं बस शिव की शक्ति।
सृष्टि तिवाड़ी