हर बात तुमारी झूठी
झूठी भी सची मान लेते है
कैसी महोब्बत है ये हमारी हम तुम्हे खुदा मान बैठे है
छोटी छोटी ख़ता है हमारी गैरो को कहते क्या हो
तुम मुझे समझते क्या हो
तुम मुझे समझते क्या हो
उनके जिस्मो पे तुम रजते क्या हो
तुम मुझे समझते क्या हो
तुम मुझे समझते क्या हो
-Deepak