होते होंगे दर्द के अहसास खूबसूरत ,
मुझे नहीं चाहिए तेरे बगैर भी होगी क़ायनात खूबसूरत ,
मुझे नहीं चाहिए मैं अब भी तेरे ही इंतज़ार में ठहरा हुआ हूँ उस मोड़ पर होगी कोई और भी मुलाक़ात खूबसूरत ,
मुझे नहीं चाहिए
उतरा हुआ है जहन में तेरे लबों से निकला हर अल्फ़ाज़ होगी और लबों पर भी बात खूबसूरत ,
मुझे नहीं चाहिए
मेरी नींदें अब भी तलाश रही तेरे ही पहलू को हर रात किसी और पहलू में हो रात खूबसूरत ,
मुझे नहीं चाहिए
तेरे साथ बिताई बरसातें अब मेरी आंखों से उतरती है क्या अब भी होती है बरसात खूबसूरत ?
मुझे नहीं चाहिए -