#Ganesha

सृष्टी से तुमको तृष्ण अधर्म, प्रतिदिन प्रतिपल हरने है,
जो सतकर्मी और है सज्जन उनके ही दुःख हरने है ।
उनके ही दुःख हरने है ।

तुम सत्य धर्म के हो दर्पण, तुम शिवांश तुम गौरीनंदन,
तुम शिवांश तुम गौरीनंदन ।

Hindi Religious by Jainish Dudhat JD : 111837083
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