मौषम ने ली करवट
दिन में रात हुई।
उसकी एक आवाज पर
सारी रात बारिस हुई।
कुछ और देर ही सही
उनको आज खिड़की पे देखा।
आज कितने दिनों बाद उन्हे
बारिश में नहाते हूये देखा।
थोड़ी सी बेताबी कितनी ज्यादा हुई ।
हम तो रहे गये क्वारे
और सबकी शादिया हुई ।
-दीपक ✍️🇮🇳💙
-Deepak