क़ीमत हर कश की बहुउउउत महंगी है
कुछ और नही दांव पर तेरी ज़िन्दगी है
ये लत शुरू में जन्नत की सैर कराती है
सिगरेट संग मौत ख़ूब यारी निभाती है
संभल जा ऐ बंदे, हाथों से समय निकलने से पहले
नशे की सुलगती ये आग तेरा कलेजा जला जाती है
ना दे पनाह तू ख़ुद के जनाज़े को ख़ुद में यूँ बेबसी में
कि क़ीमत हर कश की तेरी ज़िन्दगी अदा कर जाती है