#विश्व_शरणार्थी_दिवस
फरिश्ता
हर वो शख्स
फरिश्ता हो सकता है
जो जानता देना....
कभी कंधा
कभी रोटी
कभी दवा
बचा लेता है प्राण
अस्मिता....
बांटता है दुःख, दर्द, तकलीफ....
मानता है हर प्राणी को
स्वयं के समतुल्य
बनना फरिश्ता
बहुत मुश्किल तो नहीं
ए दोस्त....
बस जरुरी है
संवेदना....
इसे बचाए रखना
ये पूरा करवाएगी
इंसान से फरिश्ते
तक का सफर....।
©डॉ पूनम गुजरानी