तेरी आहट
तुम मिले तो जैसे वक़्त ठहर सा गया है
तेरे आने की आहाट से मेरा दिल मचल सा गया है
मोह्हबत ही मोह्हबत छा गई है फिज़ाओ मे
खुशबू तेरे बदन की मिल गई है हवाओ मे
तेरी जूल्फों का साया अब जो मुझ पर लहरा सा गया है क्या कहूँ
मैं तुमसे तुम मिले तो जैसे वक़्त ठहर सा गया है
ये कोई साजिश है तुम्हरी या कोई इत्तेफाक मैं नही जानता
ये कौन सी है पहेली जो मेरा दिल नही जनता
की तुम पास होते हो तो जैसे सब कुछ बदल जाता है
तुम्हारे करीब आते ही एक नया अनुभव करीब आ जाता है
अब जब की तुम करीब हो मेरे जैसे सब बदल सा गया है
इस चांदनी को देख कर चाँद भी आज दीवाना सा हो गया है
क्या कहूँ मैं तुमसे तुम मिले तो जैसे वक़्त ठहर सा गया है
"अनुभव "