शीर्षक - विश्व गुरू भारत।
गुरुओं का है ये देश निराला,
विश्व गुरु है भारत देश हमारा।
इस भूमि के कण कण में है,
गुरुओं का ही बोल बाल।
इतिहास के पन्नों पर दर्ज क्षत्रियों का,
गुरुओं ने ही भविष्य सवारा।
गुरुओं का है ये देश निराला,
विश्व गुरु है भारत देश हमारा।
आधुनिक युग में आधुनिकता को,
गुरुओं ने ही सवारा है।
सफलता के शिखर पर चलते समय,
रहे हो वेशक पीछे खड़े,
किन्तु हर कोशिश को प्रथम बार में,
मुमकिन करके दिखाया है।
गुरुओं का है ये देश निराला,
विश्व गुरु है भारत देश हमारा।
इस भूमि के गुरुओं के,
होते अनेकों रूप है।
एक राही जो राह भटका अपना,
उस राही का बन गुरु राही ही राह दिखा जाता।
गुरुओं का है ये देश निराला,
विश्व गुरू है भारत देश हमारा।
यह कभी जो भूले भटके शिष्य भी,
तो उनका भी गुरु ही है एक सहारा।
गुरुओं की सीख से ही,
सवारा है जीवन सारा।
(ज्योति कुमारी)