बहुत सारे लोगो को मैंने ये ट्वीट करते हुए और अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पे ये चीज पोस्ट करते हुए देखा है की " काश मंदिर और मस्जिद की जगह हॉस्पिटल के लिए लड़ लिए होते। काश मंदिर और मस्जिद से ज्यादा अस्पताल होते।"
तो सुन लो सारे तत्वचिंतक और बुद्धिजीवियों, जिस मंदिर की आप बात कर रहे है ने वही मंदिर आज देश के अनेकों शहरों में आपने प्रांगण को क्वारेंटिन सेंटर और अस्पताल बनानेके कार्य हेतु मुफ्त में दे रहा है। बताईए कोनसे अस्पताल में आपको एक भी बेड की जगह मुफ्त में दी हो। तो जब ज्ञान पूरा न हो तो पेलना नही चाहिए।