"जहां वह डूब कर मरी थी"
"जिंदगी के पड़ाव को झेलकर
सुख-दुख संग बिताना है।
जहां वह डूब कर मरी थी ,
अब वही मेरा ठिकाना है।
खुशियों में संग-संग जीकर,
गमों में साथ छोड़ गयी।
आगे भी संग साथ बिताना है।
जहां वह डूब कर मरी थी ,
अब वही मेरा ठिकाना है।
कयी गम झेल लिया संग संग
गुनगुनाना प्यार का तराना है
जहां वह डूब कर मरी थी ,
अब वही मेरा ठिकाना है।
वादा था संग संग साथ जीने का
हमें मरने के बाद भी निभाना है
जहां वह डूब कर मरी थी ,
अब वही मेरा ठिकाना है।
कहा था जिंदगी के किसी मोड़ पर,
साथ नहीं छोड़ेंगे।
मरते वक्त भी हाथ नहीं छोड़ेंगे।
उसने अपना वचन तोड़ा है।
तो क्या हुआ ,वाद हमें निभाना है
जहां वह डूबकर मरी थी,
अब वहीं मेरा ठिकाना है।।"
अम्बिका झा ✍️
-Ambika Jha