"लम्हें"
बहुत नजर अंदाज करने लगे हो आजकल
बाज आजाओ नहीं तो इन्हीं आंखों से ढूंढोगे।
कुछ सालों बाद यह पल तुम्हें बहुत याद आएंगे
जब हम सब अपनी मंजिल पर पहुंच जाएंगे।
अकेले जब होंगे साथ गुजारे हुए लम्हे याद आएंगे
पैसे होंगे,खर्च करने के लिए लम्हें कम पड़ जाएंगे।
एक एक बातें दोस्तों की याद दिलाएगी,
सोचते सोचते फिर से आंखें नम हो जाएगी।
जिंदगी में जरूरतें, कभी खत्म नहीं होने वाली,
दिल खोलकर जी लो, ये लम्हे फिर नहीं आएगी।
अम्बिका झा ✍️
-Ambika Jha