बदल
खुद में एक बदल, दुनिया को दे बदल
जैसे बादल में बदल, मौसम देता है बदल।
जब - जब तू कहीं चल, कर कुछ ऐसी फेरबदल
जैसे हर कदम पर हो, तेरे हुनर का दखल।
पार कर हर दलदल, जाया ना कर एक भी पल
कर कुछ ऐसा तू छल, हर दल हो सफल।
चलता रह तू निरंतर, जैसे बहता है निर्मल जल
नहीं कोई समस्या ऐसी, जिसका नहीं है कोई हल।
यह अंगारे नहीं है वो, जिससे साहस के पैर जाएं जल
बारिशों में भीगने से, तेजाबी इरादे नहीं जाते कभी गल।
करना है तो आज कर, मत कर आज नहीं कल,
कल पर टालने वालों का, कभी आता नहीं कल।
खुद में.......देता है बदल।
–Instant ABS
-Abhishek Sharma - Instant ABS