मंज़िल
तु वीं रानी, मैं वीं रानी
कौन भरेगा पानी
रब्ब बनाया, शायर बनाया
जो तु मुझे बोलो
अपुन वहीं करुंगा
अपुन वहीं लिखूंगा
रात में रोशनी तू है।
नींद में अपना सपना भी तु है।
मीठी मीठी बात करो मुझे
वो मैं दिल में संभालूगा।
कहीं न छोड़ मुझे
कभी न छोड़ मुझे
मन में तु मंज़िल हैं।
दिल में तु दिवानी हैं।
तेरा साथ मैं चाहूंगा।
तु है मेरि, तु ही मिली
सब भी तु है गीत
मंज़िल ये
शायर बनना ये मेरा मंज़िल
ये मेरा फैसला
मैं लिखूं मेरा मंज़िल
हाय सपना रें
हाय अपना रें
सब भी खुद को बोलो
जिंदगी की रास्ता है
मुझसे बड़ी ताकत न है।