लिखते तो सभी है कविताएं,
कोई खुद पे लिख के बताएं ?
लिखते तो सभी है कविताएं
दूसरे के दुखों को महसूस करके,
कोई खुद का दुख बताएं ?
लिखते तो सभी है कविताएं,
हर किसी के खुशी के पलों पे,
कोई खुद की खुशी बया करके बताएं ?
लिखते तो सभी है कविताएं,
हर घटना पे,
फिर चाहे वह बता हो,
किसी प्रथा की, या फिर शोषित महिला की,
या फिर हो बता भारत-पाक लड़ाई की।
कोई खुद की घटना को बयां करके बताएं ?
ऐसे तो लिख लेते हैं हम भी
पर जब बता खुद पे आ जाएं,
तो समझ नहीं आता,
वहा शब्द कहा से लाएं,
जो कर सके,
हमारे जीवन के पलों को बयां।
(जिन - जिन कवियों ने यहा कर दिखाया, वह कवि महाकवि कहलाए।)
(ज्योति कुमारी)