सुख हो या दुःख हो, तू अच्छा करना सीख,
बीत गया वो कल अतीत है उससे छोड़ कर,
तू आज में जीना सिख सब परवाह छोड़ कर,
आने वाले कल की फ़िकर छोड़ कर,
तू आज मे अभी में जीना सिख.
तू कर्म करना सिख फल की आशा छोड़ कर,
अपने में मस्त मग्न रहना सिख अपनो के साथ रहकर,
ये ही ज़िन्दगी है उनका स्वीकार करना सिख,
हाँ तू आज में जीना सिख, तू सबको खुश रखना सिख,
पर हाँ तू उम्मीद खुद पर ही रखना सिख,
पर हाँ सुख हो या दुःख हो, तू अच्छा करना सिख.