Hindi Quote in Story by Dinaz Patel

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दोस्तों, क्या आप के पास मेरी कहानी पढ़ने के लिए 1 मिनिट का समय है?तो कैसी लगी मेरी कहानी??
प्रतिभाव दोगे ना...???
'दुआ'
गुलनार:"अरे शबनम,तू आज भी उस जूठे,मतलबी और अहेसानफरामोश जावेद की सेहत के लिए 'दुआ' माँग रही है...???
शबनम:"हाँ गुलनार."
गुलनार:"उसने जो तेरी भावनाओं के साथ खेल खेला है, क्या खुदा उसके गुनाह माफ करेगा...???
अरे... पागलों की तरहा चाहती थी तु उसे, और उसने तुझे 'आँसुओं के सैलाब' के सिवा दीया ही क्या...???
सुना है उसकी एक जवान बेटी भी है..."
शबनम:"हाँ गुलनार, बहोत प्यारी बेटी है, और चाहती तो मैं आज भी हूँ उसे...'बेहद, बेहिसाब,बेतहाशा',और मरते दम तक उसी को चाहती रहुँगी...दुःख है तो सिर्फ इस बात का कि वो मुझ से 'जूठे वादे' करता रहा, और मैं 'पगली' उसे सच मानती रही."
गुलनार:"उसकी बेटी के साथ जब ऐसा धोखा होगा,और वो तेरी तरहा फूटफूटकर रोएगी तब उसे पता चलेगा कि किसी प्यारभरे दिल को ठुकरा देना कितना बड़ा 'पाप' है... "
शबनमः"गुलनार, मैंने तो उसकी बेटी के लिए भी यही 'दुआ' माँगी है कि..."खुदा उसे जावेद जैसै जूठे और खुदगर्ज़ मर्दों से 'महेफूज़' रखे."
गुलनार:"तु बिलकुल पागल है, तुने उसे 'उलफत' के सिवा कुछ ना दीया और उसने तुझे 'नफरत' के सिवा कुछ ना दीया... फिर भी तेरे दिल से उसकी बेटी के लिए ऐसी नेक 'दुआ... "
शबनम:"हाँ गुलनार,ऐसी ही हूँ मैं... "🌷

Hindi Story by Dinaz Patel : 111444626
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