कई बार मेरी ज़िन्दगी में तकलीफ़
उन लोगो की गलतियों से भी हो जाती है
जिनका मुझ से कोई वास्ता भी नही होता।
तब मुझे याद आता है
यूहीं बेवजह,
चलते सफ़र में कई बार
पेड़ो से पत्ते तोड़े हैं मैंने भी...
उन पेड़ो का मुझसे भी कोई वास्ता तो न था।
उन पेड़ो का मुझसे भी कोई वास्ता तो न था।