हाय, मातृभारती पर इस कहानी 'साहित्य और मैं !..' पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19874309/sahitya-aur-me
दोस्तों! बहुत समय से दिल कर रहा था कि कुछ लिखूँ !..पर परिस्थितियां अनुकूल न थी इसलिए मैं कलम उठाने से हिचकता था....
लेकिन हालही सोचा कि क्यों न मैं अपनी ज्वलंत परिस्थिति पर ही एक निबंध लिखूं।..
जो कि मेरे आज के यथार्थ जीवन पर आधारित हो !..
बस यही निश्चय के आधार पर मैं अपनी एक छोटी सी पुस्तक आपके मध्य प्रस्तुत कर रहा हूं !...
जिसका शीर्षक "साहित्य और मैं"...
दोस्तों आप सभी तो जानते कि है कि मुझे हिंदी साहित्य से विशेष लगाव रहा है बस इसी कारण से ये पुस्तक मैंने लिखीं है ...
मुझें उम्मीद है कि ये आपको पसंद आयेगी
thanks.. swayamprakash mishra