ईश्क़ के रिश्ते में तू मुझसे
हमेशा अग्यार बनी रहती थी
तूने ये कैसा अज़ाब दिया हमको
की तुझे ना पाने की कसक हमेशा रहती थी।
लोग कहते थे कि मैं तेरे अत्फ़ के काबिल नहीं,
तेरे बिना जिंदगी मेरी अदम सी रहती थी।
मेरे अब्सार को अब्र ने घेरा इस क़दर
कि रातों में अर्श पर तेरी तस्वीर दिखती रहती थी।
कितनी अश्किया बन गयी थी तू मेरी ख़ातिर
मेरी साँसे भी अब तेरे नाम की असीर रहती थी।
ईश्क़ के रिश्ते----------------------------
उर्दू शब्दों का मतलब
अग्यार- अजनबी, प्रतिद्वंद्वी। अज़ाब- पीड़ा,संताप। अत्फ़-दया, भेंट। अदम-शून्य,अस्तित्वविहीन। अब्सार- आंखें,नेत्र। अब्र-आसुँ।
अर्श-छत। अश्किया-क्रूर, कठोर। असीर-कैदी,बंदी।