अमन की बातें लेकर देश भर में घूमें अमन के कारवां को समर्पित जब यह कारवां लुधियाना में आया था-
--कार्तिका सिंह
खतरे में अमन है
हम सब को
अब आगे आना ही होगा।
गफलत की नींद जो सोए हैं--
उनको भी जगाना ही होगा।
खतरे में अमन है...
हम सब को
अब आगे आना ही होगा।
खतरे में अमन है........
हर गली गली में खतरा है।
हर कदम कदम पर खतरा है
हर मोड़ पे कोई खतरा है!
हर कोने में कोई खतरा है-
आवाज़ लगाना ही होगा।
खतरे में अमन है
हम सब को
अब आगे आना ही होगा।
खतरे में अमन है........
इंसान की कीमत कुछ भी नहीं।
कीमत है व्यर्थ रिवाजों की।
भगवान को सोना चढ़ता है
कीमत बढ़ती है अनाजों की।
इंसान की जान बचाने को
अब इन्कलाब लाना होगा।
खतरे में अमन है
हम सब को
अब आगे आना ही होगा।
खतरे में अमन है........
यहाँ देवी पूजी जाती है
पर कन्या मारी जाती है।
न बच्ची यहाँ सुरक्षित है
न बूढी यहाँ सुरक्षित है।
हर मोड़ पे लुटती नारी को
हम सब को बचाना ही होगा।
खतरे में अमन है
हम सब को
अब आगे आना ही होगा।
खतरे में अमन है........
जब छिड़ी थी जंग आज़ादी की;
तब हमीं मैदान में आए थे।
हम झूल रहे थे फांसी पर,
यह माफ़ी मांग के आये थे,
इन रंग बदलते चेहरों का हर रंग दिखाना ही होगा।
खतरे में अमन है,
हम सब को अब आगे आना ही होगा,
हम सब को अब आगे आना ही होगा।
-- Kartika Singh