#KAVYOTSAV -2
आ रंग दे मुझे तेरे अहसास से ,क्यों खामोश है तू मेरे रहते हुए, प्यार ,मोहोब्बत, जिद, नाराजगी,खामोशी की वजह, या हँसने की वजह ,मुझे सबका इंतजार है तेरे रहते हुए,
अक्सर तू खामोशी में मुझे तलाशती है, की बयां कर सके वो जो किसी से रूबरू नही कर पाती है,
फिर क्यों आज मुझे भूल गयी, बैठा हूँ, बाहें फैलाये तेरे अल्फ़ाज़ के लिए,
ऐ कलम कोरा हु मैं ,तेरे शब्दों के बिना, क्या अहमियत है मेरी तेरी लब्जो के बिना, तेरे हर सुख दुख का साथी हु मै,
मेरे बिना तू अधूरी है, वैसे ही अधूरा हु मै तेरे बिना,
इंतज़ार कर ऐ कागज किसी के दिल टूटने का, अश्क़ों के फुटने का, ले कोई हाथों में मुझे तेरे दिल को रंगने के लिए, इंतज़ार है मुझे भी तुझसे मिलने के लिए,,
देखो कोई आ रहा है, पता नही आज क्या गुल खिला है गुलिस्तां में, कोई बहार आयी है,या कोई कांटा चुभा है गुलिस्तां में,
अहसास तो बयान होने दे तेरे पन्नो पे दिल का हाल लिखने दे, शायद कोई बाता रहा है अपनी जुस्तजू, तू सब्र कर मैं आऊँगी पास तेरे कुछ लम्हो में,
बस इतना ही तो कहा था सुनलो मेरे दिल का हाल, तुम नाराज हो कर चल दिये, हज़ारो सवाल थे इन आँखों में जो मैंने इन पन्नो में कैद कर दिए, बस पलट कर देख लेते मुझे, जन्नत तो नही मांगी थी मैंने, जो लब्जो को मेरे खिलाफ कर लिए,,,,
ऐ कलम तू बता तेरे पन्नों में,क्या कसूर था मेरा ,जो वो चल दिये,,
देखा मैंने कहा था, तू इंतज़ार तो कर मेरे आने का, टूटा है फिर आज दिल किसी का ,मैंने छुआ है तुझे इसी बहाने से,
अब अलविदा मैं जाती हूं तो इंतज़ार करना,फिर मिलेंगे हम किसी बहाने से,
धन्यवाद
सोनिया चेतन कानूनगों