थोडा हसाके, थोडा रुलाके, लम्हे वो प्यार के गुजर गए !
दरिया से हम, लहर थे तुम..हम खडे रहे ,तुम बह गए !
कुछ यु बदला दौर वक्त का ,तुम निखर गए, हम बिखर गए !
पागल थे बेइंतहा इश्क में तेरे, तू़म छूट गए ,हम तूट गए !
करवट कुछ यु ली तकदीरने हमारी, सब बिछड गए ,तुम मुकर गए!
जी रहे हैं लम्हे बाकी जो जिन्दगी के , वरना इस रुह के परिंदे तो तेरे संग ही गुजर गए !!
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