मत कर तू जाया यूँ जिन्दगी,
किसी की कर्जदार है ये !
जिसने तुझको जन्म दिया,
जिसने पाला पोसा है !
अपने लहू की एक एक बूँद से,
जिसने तुझको सींचा है !
उस मात्र भूमि को भी भूल न जाना,
तू जिसपर खेला कूदा है!
थक कर जिसकी आग़ोश में,
तू सिमट कर सोया है !
मत कर तू जाया यूँ जिन्दगी,
किसी की.......
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