तुम आया न करो........ 
तुम आया न करो,
यू यादों में,
मै खोई खोई रहती हूँ। 
तुम आया न करो,
सपनों में,
मैं सोई सोई रहती हूँ। 
तुम धड़का न करो,
दिल बन कर, 
मैं बेचैन सी रहती हूँ। 
तुम जाना न कभी, 
यू यादों से, 
मैं खाली खाली रह जाऊंगी । 
उमा वैष्णव 
(स्वरचित और मैलिक) 
सुरत. (गुजरात)